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मिट्टी स्वास्थ्य
8 मिनट पढ़ने का समय

मिट्टी परीक्षण: क्यों जरूरी और कैसे कराएं

डॉ. प्रिया वर्मा13 दिसंबर, 2024

मिट्टी परीक्षण सफल खेती की पहली और सबसे महत्वपूर्ण शर्त है।

मिट्टी परीक्षण क्यों जरूरी है?

मिट्टी परीक्षण खेती की सफलता का आधार है। यह हमें बताता है कि मिट्टी में कौन से पोषक तत्व कितनी मात्रा में उपलब्ध हैं, मिट्टी की अम्लता-क्षारीयता कैसी है, और फसल के लिए कौन सी खाद कितनी मात्रा में देनी चाहिए।

मिट्टी परीक्षण के फायदे

आर्थिक लाभ

  • • खाद की लागत में 20-30% की बचत
  • • उत्पादन में 15-25% की वृद्धि
  • • अनावश्यक खाद से बचाव

पर्यावरणीय लाभ

  • • मिट्टी की उर्वरता में सुधार
  • • भूजल प्रदूषण में कमी
  • • टिकाऊ खेती को बढ़ावा

मिट्टी परीक्षण में क्या जांचा जाता है?

भौतिक गुण

  • • मिट्टी की बनावट (रेत, चिकनी मिट्टी, दोमट)
  • • जल धारण क्षमता
  • • जल निकासी की स्थिति
  • • मिट्टी का घनत्व

रासायनिक गुण

  • • pH मान (अम्लता-क्षारीयता)
  • • विद्युत चालकता (EC)
  • • जैविक कार्बन की मात्रा
  • • नमक की मात्रा

पोषक तत्व

  • • नाइट्रोजन (N)
  • • फास्फोरस (P)
  • • पोटाश (K)
  • • सूक्ष्म पोषक तत्व (जिंक, आयरन, मैंगनीज आदि)

मिट्टी का नमूना कैसे लें?

1

सही समय का चुनाव

फसल बोने से 2-3 महीने पहले या फसल कटने के तुरंत बाद नमूना लें।

2

उपकरण तैयार करें

खुरपी, बाल्टी, प्लास्टिक बैग, और लेबल की व्यवस्था करें।

3

नमूना संग्रह

खेत के 8-10 अलग स्थानों से 6 इंच गहराई तक मिट्टी लें।

4

मिश्रण तैयार करें

सभी नमूनों को अच्छी तरह मिलाकर 500 ग्राम मिट्टी अलग करें।

5

पैकिंग और लेबलिंग

नमूने को साफ प्लास्टिक बैग में रखें और सभी जानकारी लिखें।

मिट्टी परीक्षण कहां कराएं?

सरकारी केंद्र

  • • कृषि विज्ञान केंद्र (KVK)
  • • जिला कलेक्टर कार्यालय
  • • कृषि विभाग के कार्यालय
  • • शुल्क: ₹50-100

निजी प्रयोगशाला

  • • तेज रिपोर्ट (2-3 दिन)
  • • विस्तृत जांच
  • • सलाह भी मिलती है
  • • शुल्क: ₹200-500

मिट्टी परीक्षण रिपोर्ट कैसे समझें?

पैरामीटरआदर्श मानकम होने परअधिक होने पर
pH6.5-7.5चूना डालेंजिप्सम डालें
जैविक कार्बन0.5-0.75%कंपोस्ट डालेंसंतुलित उपयोग
नाइट्रोजन280-560 kg/haयूरिया डालेंकम करें
फास्फोरस22-56 kg/haDAP डालेंकम करें

रिपोर्ट के आधार पर खाद की सिफारिश

उदाहरण: गेहूं की फसल के लिए

यदि नाइट्रोजन कम है:

120 kg यूरिया प्रति एकड़

यदि फास्फोरस कम है:

50 kg DAP प्रति एकड़

यदि पोटाश कम है:

25 kg MOP प्रति एकड़

मिट्टी सुधार के तरीके

अम्लीय मिट्टी के लिए

  • • चूना (Lime) का प्रयोग करें
  • • डोलोमाइट का उपयोग करें
  • • जैविक खाद की मात्रा बढ़ाएं

क्षारीय मिट्टी के लिए

  • • जिप्सम का प्रयोग करें
  • • सल्फर का उपयोग करें
  • • हरी खाद का प्रयोग करें

नमकीन मिट्टी के लिए

  • • अच्छी जल निकासी की व्यवस्था
  • • जिप्सम का प्रयोग
  • • नमक सहनशील फसलों का चयन

मिट्टी परीक्षण की आवृत्ति

मिट्टी परीक्षण नियमित अंतराल पर कराना चाहिए:

  • सिंचित क्षेत्र: हर 2-3 साल में
  • बारानी क्षेत्र: हर 3-4 साल में
  • समस्याग्रस्त मिट्टी: हर साल
  • नई जमीन: खरीदने से पहले

डिजिटल मिट्टी स्वास्थ्य कार्ड

सरकार की मिट्टी स्वास्थ्य कार्ड योजना के तहत किसानों को मुफ्त में मिट्टी परीक्षण की सुविधा मिलती है। यह कार्ड हर 3 साल में अपडेट होता है और इसमें निम्नलिखित जानकारी होती है:

  • • मिट्टी की वर्तमान स्थिति
  • • पोषक तत्वों की कमी या अधिकता
  • • सुधार के सुझाव
  • • खाद की मात्रा की सिफारिश
  • • उपयुक्त फसलों के सुझाव

मुख्य बातें:

  • • मिट्टी परीक्षण सफल खेती की पहली शर्त है
  • • सही समय पर नमूना लेना जरूरी है
  • • रिपोर्ट को समझकर ही खाद का प्रयोग करें
  • • नियमित परीक्षण से मिट्टी की सेहत बनी रहती है
  • • सरकारी योजनाओं का लाभ उठाएं

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