जैविक खेती आज के समय की मांग है। यह न केवल पर्यावरण के लिए अच्छी है बल्कि किसानों की आर्थिक स्थिति सुधारने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है।
जैविक खेती क्या है?
जैविक खेती एक ऐसी कृषि पद्धति है जिसमें रासायनिक उर्वरकों, कीटनाशकों और अन्य सिंथेटिक रसायनों का उपयोग नहीं किया जाता। इसके बजाय प्राकृतिक तरीकों से मिट्टी की उर्वरता बढ़ाई जाती है और कीट-पतंगों का नियंत्रण किया जाता है।
जैविक खेती के मुख्य सिद्धांत
- मिट्टी की स्वास्थ्य: मिट्टी में जैविक पदार्थों की मात्रा बढ़ाना और उसकी प्राकृतिक उर्वरता को बनाए रखना।
- जैव विविधता: फसल चक्र अपनाना और विभिन्न प्रकार की फसलों को उगाना।
- प्राकृतिक संसाधन संरक्षण: पानी, मिट्टी और वायु की गुणवत्ता को बनाए रखना।
- पशु कल्याण: पशुओं के प्राकृतिक व्यवहार का सम्मान करना।
जैविक खेती के फायदे
पर्यावरणीय लाभ
जैविक खेती से मिट्टी, पानी और हवा की गुणवत्ता में सुधार होता है। रासायनिक उर्वरकों के न उपयोग से भूजल प्रदूषण कम होता है और मिट्टी की प्राकृतिक संरचना बनी रहती है।
स्वास्थ्य लाभ
जैविक उत्पादों में हानिकारक रसायनों का अवशेष नहीं होता। ये उत्पाद अधिक पोषक तत्वों से भरपूर होते हैं और स्वास्थ्य के लिए बेहतर माने जाते हैं।
आर्थिक लाभ
जैविक उत्पादों की बाजार में अच्छी कीमत मिलती है। रासायनिक उर्वरकों की लागत न होने से खेती की लागत भी कम हो जाती है।
जैविक खेती की तकनीकें
कंपोस्ट खाद
घरेलू कचरे, पत्तियों और गोबर से तैयार की जाने वाली प्राकृतिक खाद जो मिट्टी की उर्वरता बढ़ाती है।
वर्मी कंपोस्ट
केंचुओं की सहायता से बनाई जाने वाली उत्तम गुणवत्ता की जैविक खाद।
हरी खाद
ढैंचा, सनई जैसी फसलों को उगाकर मिट्टी में दबाना जिससे नाइट्रोजन की मात्रा बढ़ती है।
जैविक कीट नियंत्रण
नीम, लहसुन, मिर्च के घोल से प्राकृतिक कीटनाशक बनाना।
जैविक खेती शुरू करने के चरण
मिट्टी परीक्षण
सबसे पहले अपनी मिट्टी का परीक्षण कराएं और उसकी वर्तमान स्थिति जानें।
रासायनिक उर्वरकों का उपयोग बंद करें
धीरे-धीरे रासायनिक उर्वरकों का उपयोग कम करते जाएं।
जैविक खाद का उपयोग शुरू करें
कंपोस्ट, वर्मी कंपोस्ट और हरी खाद का उपयोग करना शुरू करें।
फसल चक्र अपनाएं
अलग-अलग फसलों का चक्र अपनाकर मिट्टी की उर्वरता बनाए रखें।
चुनौतियां और समाधान
मुख्य चुनौतियां:
- • प्रारंभिक वर्षों में उत्पादन में कमी
- • जैविक प्रमाणीकरण की लंबी प्रक्रिया
- • बाजार तक पहुंच की समस्या
- • तकनीकी जानकारी की कमी
सरकारी योजनाएं और सहायता
भारत सरकार जैविक खेती को बढ़ावा देने के लिए कई योजनाएं चला रही है:
- परंपरागत कृषि विकास योजना (PKVY): जैविक खेती के लिए वित्तीय सहायता
- राष्ट्रीय जैविक उत्पादन कार्यक्रम: प्रमाणीकरण और मार्केटिंग सहायता
- मिशन ऑर्गेनिक वैल्यू चेन डेवलपमेंट: पूर्वोत्तर राज्यों के लिए विशेष योजना
भविष्य की संभावनाएं
जैविक खेती का भविष्य उज्ज्वल है। बढ़ती जागरूकता और स्वास्थ्य के प्रति चिंता के कारण जैविक उत्पादों की मांग लगातार बढ़ रही है। भारत में जैविक खेती का क्षेत्रफल हर साल बढ़ रहा है और यह किसानों के लिए एक लाभकारी व्यवसाय साबित हो रहा है।
मुख्य बातें:
- • जैविक खेती पर्यावरण और स्वास्थ्य दोनों के लिए फायदेमंद है
- • प्रारंभिक चुनौतियों के बावजूद यह दीर्घकालिक लाभ देती है
- • सरकारी योजनाओं का लाभ उठाकर आसानी से शुरुआत की जा सकती है
- • बाजार में जैविक उत्पादों की बढ़ती मांग