सरसों की फसल में अधिक उत्पादन के लिए संपूर्ण मार्गदर्शिका

लेखक: डॉ. राम सिंह | दिनांक: 2024-12-09

सरसों की खेती को बेहतर बनाने और अधिक उत्पादन प्राप्त करने के लिए किसानों को सही विधियों और तकनीकों का पालन करना चाहिए। यह लेख आपको बीज चयन, खेत की तैयारी, उर्वरक प्रबंधन, सिंचाई और रोग नियंत्रण के बारे में विस्तृत जानकारी देगा।

1. बीज चयन

सरसों की अच्छी किस्में उत्पादन बढ़ाने में मदद करती हैं। कुछ लोकप्रिय किस्में हैं:

  • आरएच 749: रोग प्रतिरोधक और उच्च उपज देने वाली किस्म।
  • पीबीएन 16: देर से पकने वाली और सूखे के लिए उपयुक्त।
  • आरएलएम 619: जल्दी पकने वाली और कम पानी की आवश्यकता वाली किस्म।

बीज की गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए प्रमाणित बीजों का उपयोग करें। बुवाई से पहले बीजों को थीरम या कार्बेन्डाजिम से उपचारित करें।

2. खेत की तैयारी

  • मिट्टी का पीएच स्तर 6.0-7.5 के बीच होना चाहिए।
  • खेत को 2-3 बार जुताई करके अच्छी तरह समतल करें।
  • बुवाई से पहले गोबर की खाद या वर्मी-कम्पोस्ट डालें।
  • ड्रिप सिंचाई का प्रावधान हो तो उत्पादन में वृद्धि हो सकती है।

3. बुवाई का समय और विधि

  • बुवाई का सही समय अक्टूबर के पहले सप्ताह से नवंबर के मध्य तक है।
  • कतार से कतार की दूरी 30-45 सेमी और पौधे से पौधे की दूरी 10-15 सेमी रखें।
  • बुवाई की गहराई 3-4 सेमी होनी चाहिए।

4. उर्वरक प्रबंधन

सरसों की फसल को नाइट्रोजन, फॉस्फोरस और पोटाश की आवश्यकता होती है:

  • नाइट्रोजन: 80-100 किग्रा/हेक्ट