एमपी में 35 हजार करोड़ रुपये से किसानों का जीवन स्तर सुधरेगा, जानें पूरी योजना और लाभार्थी कौन होंगे

लेखक: जगदीश शर्मा | दिनांक: 2024-12-09

मध्य प्रदेश के किसानों के लिए बड़ी खुशखबरी है कि आने वाले पांच वर्षों में उनके जीवन स्तर में महत्वपूर्ण बदलाव होने वाला है। इसके लिए केंद्र सरकार ने एक महत्वपूर्ण योजना को मंजूरी दी है, और इसके लिए काम भी शुरू हो चुका है।

इस योजना के तहत मध्य प्रदेश और राजस्थान सरकार संयुक्त रूप से कार्य करेंगे। मध्य प्रदेश में इस योजना के अंतर्गत 35 हजार करोड़ रुपये के कार्य होंगे, जबकि राजस्थान में 40 हजार करोड़ रुपये के कार्य किए जाएंगे।

पार्वती-काली सिंध-चंबल परियोजना

केंद्र सरकार द्वारा शुरू की गई इस योजना का नाम पार्वती-काली सिंध-चंबल परियोजना (PKC परियोजना) है। इस योजना के तहत मध्य प्रदेश में 22 बांधों का निर्माण किया जाएगा। ये बांध चंबल और मालवा क्षेत्र के 13 जिलों में पानी की उपलब्धता बढ़ाने और किसानों की जीवनशैली को बेहतर बनाने के उद्देश्य से बनाए जाएंगे।

कौन-कौन से जिलों को मिलेगा लाभ

यह परियोजना मध्य प्रदेश के जिन जिलों को लाभ पहुंचाएगी, वे हैं मुरैना, ग्वालियर, शिवपुरी, गुना, भिंड, श्योपुर, इंदौर, उज्जैन, धार, आगर-मालवा, शाजापुर, देवास और राजगढ़। इन जिलों में पानी की उपलब्धता बढ़ेगी और औद्योगिक क्षेत्र में भी विकास होगा।

  • पहला चरण: इस चरण में 13 बांधों का निर्माण किया जाएगा।
  • दूसरा चरण: इस चरण में 9 बांधों का निर्माण होगा।
  • दोनों चरणों का काम एक साथ किया जाएगा और जल्द ही मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव इसकी समीक्षा बैठक करेंगे।

परियोजना का विवरण

  • योजना का नाम: पार्वती, कालीसिंध और चंबल परियोजना
  • योजना की लागत: इस परियोजना की कुल लागत ₹75,000 करोड़ है, जिसमें से ₹35,000 करोड़ मध्य प्रदेश को मिलेंगे और ₹40,000 करोड़ राजस्थान को।
  • समय सीमा: यह परियोजना 5 वर्षों में पूरी होगी।

किसे मिलेगा लाभ?

पार्वती-काली सिंध-चंबल परियोजना से मध्य प्रदेश और राजस्थान के लाखों किसानों का जीवन बदलने वाला है। विशेष रूप से जलवायु परिवर्तन और सूखा प्रभावित क्षेत्रों में पानी की उपलब्धता बढ़ने से कृषि उत्पादन में सुधार होगा। इसके अलावा, यह परियोजना उद्योग और पर्यटन क्षेत्र में भी विकास के नए अवसर प्रदान करेगी।

इसके अलावा, इस परियोजना से नदियों के जल बंटवारे में संतुलन बनेगा और पेयजल की समस्या का समाधान होगा। दोनों राज्यों के नागरिकों को इससे सीधा लाभ मिलेगा।

केंद्र सरकार का सहयोग

केंद्र सरकार इस परियोजना में 90 प्रतिशत राशि प्रदान करेगी, जबकि राज्य सरकारें अपने-अपने हिस्से के प्रोजेक्ट्स के लिए 10 प्रतिशत राशि देंगी। इस परियोजना के पूरा होने से दोनों राज्यों में न केवल जलवायु और कृषि क्षेत्र में सुधार होगा, बल्कि इसके माध्यम से नए रोजगार के अवसर भी पैदा होंगे।

पाँच साल में पूरा होगा काम

मध्य प्रदेश और राजस्थान सरकार के बीच हुए समझौते के अनुसार इस परियोजना को 5 वर्षों में पूरा किया जाएगा। इस समय सीमा में दोनों राज्यों में जल संसाधनों का बेहतर प्रबंधन किया जाएगा, जिससे किसानों का जीवन स्तर सुधरेगा और कृषि क्षेत्र में सुधार होगा।

कृषि क्षेत्र में इस योजना का योगदान आने वाले समय में बहुत बड़ा होगा, और इससे किसानों को न केवल पानी की समस्या से राहत मिलेगी, बल्कि उनके उत्पादन में भी सुधार होगा।

निष्कर्ष

पार्वती, कालीसिंध और चंबल परियोजना से न केवल मध्य प्रदेश के किसानों का जीवन स्तर बेहतर होगा, बल्कि यह योजना क्षेत्रीय विकास, जलवायु परिवर्तन, और औद्योगिक विकास में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी। इस परियोजना से न केवल कृषि उत्पादन में वृद्धि होगी, बल्कि यह पर्यटन और औद्योगिकीकरण को भी बढ़ावा देगा।

केंद्र और राज्य सरकार की इस महत्वपूर्ण योजना के कार्यान्वयन से आने वाले समय में मध्य प्रदेश और राजस्थान के लाखों लोग लाभान्वित होंगे।